Title: Vijaydan Detha : Pioneer of the renaissance of Rajasthani folk tales Download
Author: Manoj kumar
cite this article:
Kumar Manoj, ”Vijaydan Detha : Pioneer of the renaissance of Rajasthani folk tales”, Published in SHODHAAMRIT, ISSN: 3048-9296, Volume-2 | Issue-1 , Jan.-June 2025, Page No. :-12-19. URL: https://shodhaamrit.gyanvividha.com/wp-content/uploads/2025/02/Manoj-kumar-Shodhaamrit-Vol-2Issue-1-Jan.-June-2025pp-12-19.pdf
Abstract : यह शोधपत्र राजस्थान की लोककथाओं के पुनरुद्धार में विजयदान देथा की परिवर्तनकारी भूमिका का परीक्षण करता है, जिसमें पारंपरिक मौखिक कथाओं का दस्तावेजीकरण और पुनर्व्याख्या शामिल है। ‘बातां री फुलवारी’ जैसे प्रमुख ग्रंथों और देथा एवं सिंह के सहयोगी कार्यों के साथ-साथ गुप्ता, शर्मा, राव एवं अन्य विद्वानों के विश्लेषणों पर आधारित यह अध्ययन इस बात की पड़ताल करता है कि देथा की अभिनव विधियाँ किस प्रकार मौखिक और लिखित परंपराओं के बीच सेतु का कार्य करती हैं। गुणात्मक सामग्री विश्लेषण पद्धति का उपयोग करते हुए, शोध उनके कथा रणनीतियों, विषयगत पुनर्संयोजनों, और शैलीगत अनुकूलनों की जांच करता है, जिन्होंने क्षीण होती लोककथाओं को पुनर्जीवित किया और क्षेत्रीय सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ किया। निष्कर्षों से ज्ञात होता है कि देथा के प्रयासों ने न केवल आवश्यक लोककथाओं को संरक्षित किया, बल्कि उन्हें समकालीन दर्शकों के लिए सुलभ एवं प्रासंगिक भी बनाया, जिससे सांस्कृतिक विरासत में नवजीवन संचारित हुआ। व्यापक सैद्धांतिक ढाँचों—कथा परिवर्तन और सांस्कृतिक पुनरुद्धार—के संदर्भ में उनके कार्य को स्थान देते हुए, यह अध्ययन देथा के योगदान के दीर्घकालिक प्रभाव को उजागर करता है।
Keywords : विजयदान देथा, राजस्थानी लोककथाएँ, सांस्कृतिक पुनरुद्धार, मौखिक परंपराएँ, कथा परिवर्तन, लोककथाओं का संरक्षण, क्षेत्रीय पहचान, साहित्यिक अनुकूलन.
Publication Details:
Journal : SHODHAAMRIT(शोधामृत)
ISSN : 3048-9296 (Online)
Published In : Volume-2 | Issue-1, Jan.-June 2025
Page Number(s) : 12-19
Publisher Name :
Mrs Anubha Chaudhary | https://shodhaamrit.gyanvividha.com | E-ISSN 3048-9296