Title :-Sarvodaya Conceptual Analysis Download
Author :-Dr. Ram Kumar
DOI :-10.71037/shodhaamrit.v1i2.01
cite this article:
Kumar Dr. Ram, ”Sarvodaya Conceptual Analysis”, Published in SHODHAAMRIT(शोधामृत), ISSN-3048-9296(O) & 3049-2890(P), Volume-1 | Issue-2, July-Dec., 2024, Page No. :-127-131. URL: https://shodhaamrit.gyanvividha.com/wp-content/uploads/2025/07/Dr.-Ram-Kumar-Shodhaamrit-Vol-1Issue-2-july-Dec-2024pp-127-131.pdf
Abstract : स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सर्वोदय दर्शन ने भारतीय समाज को गहराई से प्रभावित किया। यह दर्शन एक ऐसे आदर्श समाज की परिकल्पना करता है जो सत्य एवं अहिंसा पर आधारित हो तथा जिसमें वर्ग, जाति या शोषण का कोई स्थान न हो। महात्मा गाँधी ने स्वतंत्र भारत के लिए इस सर्वोदय अवधारणा को मूर्त रूप दिया जिसका लक्ष्य सभी के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है। सर्वोदय दर्शन आध्यात्मिक एवं नैतिक सिद्धांतों पर आधारित एक क्रान्तिकारी विचारधारा है, जो मानव मात्र के कल्याण हेतु सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक जीवन में आमूल परिवर्तन पर बल देती है। इसमें भूदान एवं ग्रामदान जैसे अहिंसक आंदोलनों के माध्यम से शोषणमुक्त एवं विकेन्द्रीकृत ग्राम-स्वराज्य की स्थापना का मार्ग प्रस्तुत किया गया है। सर्वोदय के सिद्धांत वर्तमान भौतिकवादी समाज से भिन्न हैं और वह व्यक्ति व समाज के हितों में पूर्ण समन्वय पर जोर देता है। इस शोध पत्र में सर्वोदय की अवधारणा, उसके विश्लेषणात्मक मूल्यांकन, व्यवहारिक क्रियान्वयन तथा वर्तमान संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर विस्तृत चर्चा की गई है।
Keywords : सर्वोदय; सत्य; अहिंसा; ग्राम स्वराज्य; भूदान; ग्रामदान; अपरिग्रह।
Publication Details:
Journal : SHODHAAMRIT(शोधामृत)
ISSN : 3048-9296 (Online) & 3049-2890 (Print)
Published In : Volume-1 | Issue-2, July-Dec., 2024
Page Number(s) : 127-131
Publisher Name :
Mrs Anubha Chaudhary | https://shodhaamrit.gyanvividha.com | ISSN-3048-9296(O) & 3049-2890(P)